बलूचिस्तान में बस से उतारकर 14 यात्रियों की गोली मारकर हत्या
इस्लामाबाद. बलूचिस्तान प्रांत में 15 से 20 हमलावरों ने एक बस में सवार 14 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। 2 लोगों ने किसी तरह से भागकर जान बचाई। अभी तक हमले की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। हमलावरों की पता लगाने में भी पुलिस नाकाम साबित हुई है। जिस बस के यात्रियों को निशाना बनाया वो कराची से ग्वादर जा रही थी। हमलावरों ने 5-6 बसें रुकवाई थीं।
वारदात गुरुवार को बुजी टॉप इलाके के मकरान कोस्टल हाईवे पर हुई। हमलावरों ने यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच के बहाने नीचे उतारा। एजेंसी के मुताबिक, बस से कुल 16 यात्रियों को उतारा गया था। अभी यह पता नहीं चल सका है कि हमलावर कौन थे और उनका मकसद क्या था। हमले में बचने वाले 2 लोगों को अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है।
बलूचिस्तान के मस्तुंग इलाके में 2015 में इसी तरह की घटना हुई थी। तब हमलावरों ने कराची जाने वाली बस से 24 लोगों को उतारकर अगवा कर लिया था। उनमें से 19 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पिछले सप्ताह क्वेटा में हजारा समुदाय को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया था। इसमें 20 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस और अन्य एजेंसियां क्वेटा मामले की जांच पूरी भी नहीं कर पाईं कि बलूचिस्तान में फिर से वारदात हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, जूता फेंकने वाले व्यक्ति ने खुद को कानपुर का व्हिसल ब्लोअर बताया है। उसने अपनी फेसबुक पोस्ट में 'लाल इमली मिल्स' के कर्मचरियों और पीएसयू कर्मचारियों की आत्महत्या का मामला उठाया था। इसके लिए उसने सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
मां और भाइयों से चल रहा है संपत्ति विवाद
बताया जाता है कि कानपुर के सिविल लाइंस में डॉ. भार्गव का अस्पताल है। भार्गव का उनकी मां दया भार्गव और भाइयों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। वह पत्नी डॉ. शिखा भार्गव के साथ अलग रहते हैं। उनकी मां ने बहू और बेटे शक्ति भार्गव पर प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। प्रापर्टी के विवाद और परिवारिक विवाद की वजह से डॉ. भार्गव मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। भार्गव लैंड माफिया के रूप में भी जाना जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष उसके ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा भी पड़ा था।
2009 में पी चिदंबरम पर जूता उछाला गया था
इससे पहले 2009 में कांग्रेस नेता और तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम पर नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जूता उछाला गया था। हालांकि, घटना के बाद कांग्रेस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। जूता फेंकने वाला व्यक्ति पत्रकार था।
बिहार के बांका में कुछ मतदाताओं ने दोबारा वोटिंग की कोशिश की। उन्हें रोकने की कोशिश में दोनों सुरक्षाकर्मियो को हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें छह ग्रामीण घायल हुए।
107 साल की पद्म पुरस्कार विजेता सालुमरादा थिमक्का ने कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट के लिए वोट दिया।
पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर स्थित चोपड़ा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक ईवीएम तोड़ दी गई।
वारदात गुरुवार को बुजी टॉप इलाके के मकरान कोस्टल हाईवे पर हुई। हमलावरों ने यात्रियों के पहचान पत्रों की जांच के बहाने नीचे उतारा। एजेंसी के मुताबिक, बस से कुल 16 यात्रियों को उतारा गया था। अभी यह पता नहीं चल सका है कि हमलावर कौन थे और उनका मकसद क्या था। हमले में बचने वाले 2 लोगों को अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है।
बलूचिस्तान के मस्तुंग इलाके में 2015 में इसी तरह की घटना हुई थी। तब हमलावरों ने कराची जाने वाली बस से 24 लोगों को उतारकर अगवा कर लिया था। उनमें से 19 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
पिछले सप्ताह क्वेटा में हजारा समुदाय को निशाना बनाकर आतंकी हमला किया गया था। इसमें 20 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस और अन्य एजेंसियां क्वेटा मामले की जांच पूरी भी नहीं कर पाईं कि बलूचिस्तान में फिर से वारदात हो गई।
सूत्रों के मुताबिक, जूता फेंकने वाले व्यक्ति ने खुद को कानपुर का व्हिसल ब्लोअर बताया है। उसने अपनी फेसबुक पोस्ट में 'लाल इमली मिल्स' के कर्मचरियों और पीएसयू कर्मचारियों की आत्महत्या का मामला उठाया था। इसके लिए उसने सरकार को जिम्मेदार ठहराया था।
मां और भाइयों से चल रहा है संपत्ति विवाद
बताया जाता है कि कानपुर के सिविल लाइंस में डॉ. भार्गव का अस्पताल है। भार्गव का उनकी मां दया भार्गव और भाइयों से संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा है। वह पत्नी डॉ. शिखा भार्गव के साथ अलग रहते हैं। उनकी मां ने बहू और बेटे शक्ति भार्गव पर प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। प्रापर्टी के विवाद और परिवारिक विवाद की वजह से डॉ. भार्गव मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। भार्गव लैंड माफिया के रूप में भी जाना जाता है। बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष उसके ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा भी पड़ा था।
2009 में पी चिदंबरम पर जूता उछाला गया था
इससे पहले 2009 में कांग्रेस नेता और तत्कालीन गृहमंत्री पी चिदंबरम पर नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में जूता उछाला गया था। हालांकि, घटना के बाद कांग्रेस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। जूता फेंकने वाला व्यक्ति पत्रकार था।
बिहार के बांका में कुछ मतदाताओं ने दोबारा वोटिंग की कोशिश की। उन्हें रोकने की कोशिश में दोनों सुरक्षाकर्मियो को हवाई फायरिंग और लाठीचार्ज करना पड़ा। इसमें छह ग्रामीण घायल हुए।
107 साल की पद्म पुरस्कार विजेता सालुमरादा थिमक्का ने कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट के लिए वोट दिया।
पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनाजपुर स्थित चोपड़ा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक ईवीएम तोड़ दी गई।
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